ऑनलाइन ठगी के हो गये हैं शिकार ...?

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NEW DELHI । online ठगी से बचने का सबसे 1 तरीका होता है आपकी सतर्कता  , हालांकि अगर  किसी वजह से आप या आपका कोई जानकार  information ऐसी ठगी का शिकार होता है तो आपकी तेज प्रतिक्रिया और धोखाधड़ी  scamming   की जल्द से जल्द रिपोर्ट report  करना आपका नुकसान big loss  बचा सकता है। government ने अब ये प्रक्रिया और आसान कर दी है। केंद्र सरकार ने बीते हफ्ते राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर  (helpline number )और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म platform  का संचालन शुरु कर दिया है। यहां  आप अपने साथ हुई धोखाधड़ी scamming की जानकारी दर्ज करा सकते हैं और अपना नुकसान big loss  बचा सकते हैं।




  • 1 गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी cyber fraud  से बचने के लिये राष्ट्रीय हेल्पलाइन helpline number   नंबर 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म platform की शुरुआत की है।
  • 2 हेल्पलाइन को 1 April को सॉफ्ट लॉन्च launch  किया गया था। अब ये पूरी तहर से work कर रही है। फिलहाल इसका उपयोग 7 states और केंद्रशासित प्रदेश कर रहे हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ chattisgarh, दिल्ली delhi , मध्यप्रदेश madhyapradesh, राजस्थान  rajisthan तेलंगाना telangana , उत्तराखंड  uttarakhand और उत्तर प्रदेश uttarpradesh शामिल हैं। जल्द ही इस सुविधा की सीमा में दूसरे states भी आ जायेंगे।
  • 3 हेल्पलाइन helpline  और प्लेटफॉर्म platform को गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर cyber अपराध crime  समन्वय केंद्र संचालित कर रहा है। वहीं इसे RBI , bank , payments bank बैंकों, वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट online market का समर्थन और सहयोग भी मिलता है। 
  • 4 फिलहाल सभी प्रमुख सरकारी और निजी बैंक इस platform पर है।

  •  हेल्पलाइन अपना काम कैसे करती है ...? 

    • साइबर cyber  ठगी scamming  के शिकार हुए लोग हेल्पलाइन helpline num ber नंबर 155260 पर कॉल call कर सकते हैं, जिसे संबधित राज्य states  की पुलिस police  संचालित करती है।
    • helpline के जरिये पीड़ित से लेनदेन का ब्योरा और अन्य information मांगी जाती हैं, जिसे तुरंत संबंधित bank , वॉलेट, पेमेंट bank के साथ साझा कर दिया जाता है।
    • इसके साथ ही एसएमएस के द्वारा ठगी के शिकार हुए शख्स को शिकायत नंबर मिलता है। शख्स को 24 hour के अंदर scamming का पूरा विवरण राष्ट्रीय cyber अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल reporting platform  (https://cybercrime.gov.in/)  पर जमा करना होता है।
    • जिस bank से यह मामला संबंधित है वो इसकी जानकारी information  पाने पर अपने सिस्टम system  में पूरी information देखता है, अगर money  अभी निकाले नहीं गये तो वो इसपर रोक लगा देता है। अगर ये money दूसरे bank में ट्रांसफर हुआ है, तो ये information उस बैंक bank  को भेज दी जाती है, और money पाने वाला दूसरा bank अपने system पर मिली complain के आधार पर money पाने वाले खाते पर action लेता है। ये प्रक्रिया आगे चलती है।


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